दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) दीपावली पर निबंध हिंदी में

दिवाली या दीपावली भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है इसे भारत के साथ-साथ कई अन्य देशो में भी जहाँ हिन्दू आबादी निवास करती है वहाँ भी काफी धूमधाम व हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह हिंदुयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

दिवाली दीपों का त्योहार है इस दिन हम सब अपने घरों में दीप जलाते है साथ ही रंगोली बनाते है और देवी लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा अर्चना कर अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करते है। दिवाली हम सबों के लिए काफी खुशियाँ ले कर आता है।

इसे भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी, याद के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज या सरकारी कार्यालयों में सरकारी अवकाश रहता है। कई लोग जो अपने घरों से दूर प्रदेशों में रहते है वे लोग भी दिवाली को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए घर आ जाते है। 

essay on diwali in hindi

हम सब इस पर्व का बहुत ही बेसब्री से इंतजार करते रहते है। इस दिन बच्चे से लेकर महिलाएँ, एवं बुजुर्गो में सभी काफी खुश रहते है और घर, आस पड़ोस का माहौल भी काफी खुशनुमा रहता है। इस दिन बच्चे कुछ पटाखे छोड़ते है। और घर की महिलाएं इस दिन कई तरह के पकवान, मिठाइयाँ बनाती है। तो चलिए आज इस Essay on Diwali in Hindi लेख के माध्यम से हम आपको दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में, दिवाली क्यों मनाई जाती है, दीपावली का अर्थ क्या है, इत्यादि पर चर्चा करेंगे। 

दिवाली क्यों मनाई जाती है? (Diwali Essay in Hindi)

ऐसे तो भारत में अनेकों प्रकार के त्योहार मनाया जाता है पर दिवाली का त्यौहार भारत में काफी धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदुओं के पवित्र धर्म ग्रंथो, शास्त्रों के अनुसार दिवाली इसलिए मनाया जाता है क्यूंकि इसी दिन पुरुषोत्तम राम, रावण का वध करके अपने पिता के दिए गए 14 वर्षों के वनवास के बाद माता सीता, और छोटे भाई लक्ष्मण और उनके परम भक्त पवनपुत्र हनुमान के साथ अपने जन्म भूमि आयोध्या लौटे थे।

भगवान राम को आयोध्या लौटने के खुशी में आयोध्या वासियों ने पुरे आयोध्या नगर की साफ-सफाई कर दीप जलाएं और पुरे आयोध्या नगरी को फूलों से दुल्हन की तरह सजाकर श्री रामचंद्र जी स्वागत किया था उसी दिन से ये परम्परा शुरू हो गयी और प्रत्येक वर्ष इसे दीपों का त्योहार के रूप में मनाया जाने लगा। इसे अंधेरे पर प्रकाश की जित के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली का अर्थ क्या है?

दीपावली संस्कृत के दो शब्दो से मिलकर बना है दीप + आवली अथार्त ‘दिप’ यानि की ‘दीपक’ और ‘आवली’ यानि की  ‘श्रृंखला’ या ‘लाइन’ जिसका शाब्दिक अर्थ होता है दीपों की शृंखला। 

दिवाली कब मनाया जाता है?

दिवाली हिन्दुओं का एक बहुत ही पवित्र त्योहार है इसे अँधेरे पर प्रकाश की जित के रूप में भी मनाया जाता है। ये पर्व हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। और अमावस्या की अँधेरी रात को अनगिनत दीप जलाकर पूरा जगमग कर दिया जाता है। और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवंबर महीने में प्रत्येक साल मनाई जाती है। और इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर 2023 को पुरे देश में धूमधाम से मनाई जाएगी। 

दिवाली कैसे मनाया जाता है?

दिवाली के शुरू होने से कुछ दिन पहले से ही घरो की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई पुरजोर तरीके से की जाती है और घरों की सजावट की जाती है। दिवाली के दिन पहनने के लिए लोग नए-नए कपडे सिलवाते और खरीदते है। दिवाली कुल 5 दिनों तक चलने वाला हिन्दुओं का एक पवित्र पर्व है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के साथ होती है।

दिवाली की शुरुआत पहले दिन धनतेरस के साथ होती है। लोग इस दिन जमकर खरीदारी करते है। इस दिन कोई भी सोना, चांदी का आभूषण या कोई सामान खरीदना काफी शुभ माना जाता है। धनतेरस की दिन हर एक घर से कुछ न कुछ खरीदारी जरूर की जाती है। मान्यता ये है की इस दिन कुछ खरीदारी करने से घर में सुख समृद्धि आती है।

दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की इसी दिन भगवान् श्री कृष्ण ने  नरकासुर राक्षस का वध कर इसके कब्जे में 16000 राजकुमारियों को बचाया और अपने शरण में ले लिए। उसी समय से दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाये जाने लगा और इस दिन भी दिए जलाये जाते है। 

और इसके अगले दिन दिवाली का मुख्य त्योहार होता है, इस दिन पुरे घरो को दीपों से सजाकर जगमग कर दिया जाता है और साथ में रंगोली भी बनाई जाती है और  देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना होती है। और हम सब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश से सुख समृद्धि की कामना करते है। इस दिन सभी नए नए कपडे पहनते है और बच्चे पटाखे फोड़ते है और घर की महिलाएं के द्वारा कई प्रकार के मिठाइयाँ और पकवान बनाये जाते है।

दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसके मनाने के पीछे ऐसी मान्यता है की जब भगवान श्री कृष्ण ने व्रजवासियो को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को सात दिन तक अपनी छोटी उंगली पर उठाकर रखा और गोप, गोपिकाएं उसके छाए में सुख पूर्वक रहे और सातवें तीन गोवर्धन को निचे रखा उसी समय से गोवर्धन पूजा मनाए जाने लगा। 

दिवाली के पाँचवे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है इस दिन बहनें अपने भाईयों को रक्षा सूत्र बांधकर तिलक लगाती है और मिठाइयाँ खिलाती है। इसे मनाने के पीछे ऐसी मान्यता है की जो भाई इस दिन अपने बहन से तिलक करवाता है उसे अकाल मृत्यु कोई डर नहीं रहता। इस दिन को याम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। 

दिवाली में किसकी पूजा होती है?

दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। और अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना और आशीर्वाद प्राप्त करते है। ऐसी मान्यता है की दिवाली के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी भक्तगणों के घर में प्रवेश करती है और सुख समृद्धि और शांति प्रदान करती है।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दिवाली से जुडी हमारे समाज में कई तरह की कुरीतियाँ भी प्रचलन में है इस दिन लोग जुआ खेलते है जो की एकदम बुरी बात है। और कई लोग तो अपने जमा किये पैसे को भी जुआ में हार जाते है। 

प्राचीन समय में दिवाली दीपों के द्वारा ही मनाया जाता था पर आज हालत ये है की लोग इस दिन जमकर पटाखें फोड़ते है जिससे वायु प्रदुषण होता है। और घरो की सजावट लाइट से करने के कारण अत्यधिक विधुत ऊर्जा की बर्बादी होती है।

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में

भारत में अनेकों प्रकार के पर्व, त्योहार मनाए जाते है। दिवाली उन सभी त्योहारों में से एक बहुत ही पवित्र और महान पर्व है और इसे काफी धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में रहने वाले हिंदुयों के द्वारा भी मनाया जाता है। दिवाली को दीपों का पर्व के तौर पर भी जाना जाता है। 

दिवाली प्रत्येक साल कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाई जाती है। दिवाली कुल 5 दिनों का पर्व है इसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के बाद इसका समापन हो जाता है।

दिवाली मनाने की पीछे कई सारी कथाएं प्रचलित है पर सबसे ज्यादा प्रचलित कथा ये है की भगवान राम जब रावण का वध करके अपने 14 वर्षो के वनवास के बाद माता सीता, भाई लक्ष्मण और भक्त हनुमान के साथ अपने जन्म भूमि आयोध्या लौटे थे। श्री रामचंद्र के आयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने पुरे आयोध्या नगर को दीपों और फूलो से सजाकर भगवान राम का सवागत किया था तभी से दिवाली का त्योहार मनाये जाने लगा।

दिवाली की दिन धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है। और देवी लक्ष्मी से खुशहाल जीवन की कामना कर आशीर्वाद प्राप्त करते है ऐसे मान्यता है की दिवाली की दिन लक्ष्मी माता घरों में प्रवेश करती है। इस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते है पुरे घर में दिप जलाये जाते है बच्चे इस दिन पटाखें, फुलझड़ी जलाते है और घर की महिलाएं अनेको प्रकर के पकवान बनाती है। 

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन

  • दिवाली हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवंबर महीने में प्रत्येक साल मनाई जाती है। 
  • दिवाली कुल पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के बाद इसका समापन हो जाता है। 
  • यह हिंदुयों का बहुत ही पवित्र और महान पर्व है। 
  • इसे भगवान राम का 14 वर्षो का वनवास से आयोध्या लौटने की खुशी के रूप में मनाया जाता है। 
  • दिवाली को दीपों का पर्व भी कहाँ जाता है इसे अँधेरे पर प्रकाश की जित के रूप में मनाया जाता है। 
  • दिवाली के शुभ अवसर पर घरो की साफ सफाई और घरों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।  
  • दिवाली के दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। 
  • दिवाली के अमावस्या की अँधेरी रात को अनगिनत दीप जलाकर पूरा जगमग कर दिया जाता है। 
  • दिवाली के दिन बच्चे नए नए कपडे पहनते है और पटाखें, फुलझड़ी जलाते है।  
  • दिवाली के दिन घर की महिलाएं तरह-तरह के मिठाइयाँ और पकवान बनाती है। 

उपसंहार – दिवाली का पर्व अँधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। ये पर्व अपने अंदर की बुराइयाँ को मिटाकर खुद को एक अच्छा इंसान और समाज, दुनिया को प्रकाशमय बनाने की प्रेरणा देती है। दिवाली को अपने घरों के सदस्यों, दोस्त, आस पड़ोस के साथ का मिलकर खुशी से मनानी चाहिए।

दिवाली सादगी और सदभाव के साथ मनानी चाहिए, पर्यावरण का ख्याल रखे दिवाली के दिन पटाखें फोड़ने से हवा एकदम प्रदूषित हो जाती है। आप पर्यावरण को देखते हुए दिवाली मनाए, इस दिन घरों में दिए जलाये, रंगोली बनायें जरुरतमंदो की मदद करे। जुआ, शराब इत्यादि बुरी चीजों से खुद को दूर रखे। तभी सही मायनो में दिवाली मानना सार्थक होगा। 

FAQs –

Q. दिवाली कब है 2023 में

Ans: साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।

Q. दिवाली का त्यौहार क्या भारत देश में ही मनाया जाता है ?

Ans: दिवाली का त्योहार भारत के साथ साथ कई अन्य देश जैसे की श्रीलंका, नेपाल, मलेशिया, मॉरीशस, सूरीनाम, त्रिनिदाद, अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

Q. दीपावली के त्यौहार को प्रत्येक वर्ष कब मनाया जाता है ?

Ans: कार्तिक महीने के अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है। जो की ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवंबर का महीना होता है।

Q. दीपावली का प्राचीन नाम क्या है

Ans: दीपावली का प्राचीन नामक दीपोत्सव है जिसे अब दिवाली या दीपावली के नाम से जाना जाता है।

Q. दिवाली क्यों और कैसे मनाई जाती है?

Ans: हिंदुओं के पवित्र धर्म ग्रंथो, शास्त्रों के अनुसार दिवाली इसलिए मनाया जाता है क्यूंकि इसी दिन पुरुषोत्तम राम, रावण का वध करके 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी भूमि आयोध्या लौटे थे। इनका आयोध्या लौटने के खुशी में आयोध्या वासियों ने पुरे नगर की साफ-सफाई कर दीप जलाएं और पुरे आयोध्या नगरी को फूलों से दुल्हन की तरह सजाकर श्री रामचंद्र जी स्वागत किया था। इस दिन घर में कई तरह के अच्छे अच्छे मिठाइयाँ बनाई जाती है और और दीप जलाया जाता है और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और बच्चे रात में पटाखें फोड़ते है।

निष्कर्ष –

आशा करता हूँ आपको ये आर्टिकल दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) पसंद आया होगा, अब आप दिवाली क्यों मनाई जाती है, दिवाली का अर्थ क्या होता है इत्यादि अच्छे से जान गए होंगे, इसे आप अपने दोस्तों के साथ-साथ Facebook, Twitter जैसे सोशल साइट्स पर भी शेयर जरूर करें, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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