ओलम्पिक खेल पर निबंध | Essay on Olympic in Hindi

ओलम्पिक खेल दुनिया का सबसे पुराना और सभी तरह के खेल प्रतियोगिताओं में लीडिंग खेल प्रतियोगिता है, यह प्रत्येक चार सालो में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता है, और यह बारी- बारी से प्रत्येक दो साल पर ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलम्पिक आयोजित होते है। इसमें 200 देशों से भी अधिक देशों के खिलाडी भाग लेते है।

जो की 28 अलग- अलग तरह के खेलो जैसे की दौड़, कुश्ती, हॉकी, भारत्तोलन, नौकायन, शूटिंग, बैटमिंटन, तलवारबाजी इत्यादि खेलों के खिलाडी शामिल होते है। तो आइये आज सब कुछ जान लेते है ओलम्पिक खेल के बारे में और साथ में ये भी जानेंगे की भारत की क्या स्थिति रही है दुनिया के इस महाकुम्भ खेल और सबसे पुराने खेल प्रतियोगिता में।

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ओलम्पिक खेल का इतिहास (Olympic History in Hindi)

दोस्तों, ओलम्पिक खेल की शुरुआत आज से करीब 2800 साल पहले 776 इसा पूर्व में ग्रीस के शहर ओलंपिया में आयोजित हुआ था, तो प्राचीन ओलम्पिक खेल 8 वी इसा पूर्व से लेकर लगभग 4 वी इसा पूर्व तक तक़रीबन 1200 सालो लगातार आयोजन किया गया था। और ये प्रत्येक चार साल में एक बार आयोजित किया जाता था।

इन चार सालो के समय अंतराल को इतिहासकारों ने ओलम्पियाड कहना शुरू कर दिया था। ग्रीस के लोगो के लिए ओलम्पिक केवल एक खेल प्रतियोगिता तक सिमित नहीं था, बल्कि एक धार्मिक त्यौहार भी थे।, वास्तव में अगर कहा जाये तो ओलम्पिक खेल की शुरुआत हुई थी ज्यूस (भगवान) के सम्मान में।

आस पास के राज्य के लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आते थे, चुकी उस समय इन राज्यों के बिच लड़ाइयाँ बहुत होती थी, तो ये सभी राज्य आपस में ये संधि कर लेते थे की कम से कम जितना दिन तक ये प्रतियोगिता चलेगा उतने दिन तक कोई भी राज्य किसी दूसरे राज्य से लड़ाई नहीं करेगा शुरुआत में 776 इसा पूर्व में सिर्फ एक खेल “दौड़” का आयोजन हुआ करता था।

और एक दिन में ख़त्म भी हो जाया करता था और पहला ओलम्पिक चैंपियन था “Coroebus” जो की एक बावर्ची था। फिर धीरे धीरे एक रेस के जगह पर दो रेस, फिर 3 रेस होने लगा और इसी तरह आने वाले कुछ सालों के बाद इसमें और भी खेल जोड़े गए थे जैसे की कुश्ती, बॉक्सिंग, जेवलिन थ्रो, पेंटथलोन, घोड़े की दौड़ इत्यादि। और ये सभी गेम्स में खिलाडी नंगे (बिना कपडे के) खेलते थे। इसके पीछे का तर्क ये था की कपडे पहनकर खेलने से कपडे खिलाडयों से फस सकते है। जिससे ये अच्छे से नहीं खेल पाएंगे।

और इस तरह ये ओलम्पिक खेल उस पुरे ग्रीस के क्षेत्र में फेमस होने लगा, और इसके विजेताओं खिलाडियों को राष्ट्रीय प्रसिद्धि मिलती मिलने लगी, लोग इन खिलाडियों के स्वागत में बड़े बड़े आयोजन किया करते थे। कई चैंपियंस के मूर्ति भी बना करते थे जो आज भी है। और इस तरह आने वाले शताब्दी में ओलम्पिक को पुरे दुनिया में प्रसिद्धि मिलने लगी। 

पर दूसरी A.D में ग्रीस अपनी आजादी खो देता है और रोमन सम्राज्य पुरे ग्रीस में शासन करने लगता है। रोमन सम्राज्य के राजा थियोडोसिस ने आख़िरकार 393 A.D में ओलम्पिक खेल का आयोजन बंद करवा देता है ये कहकर की ये एक धार्मिक आयोजन है। और ये भगवान ज्यूस के सम्मान में खेला जाने वाला खेल है।

और इस तरह से ओलम्पिक खेल 1500 साल बाद ,19 वी शताब्दी में 1892 ईस्वी में फ्रांस के एक बहुत ही पढ़े लिखे व्यक्ति पियरे दी कुवर्तेन के सहयोग से पुनर्जीवित हुई, आप इन्हे आधुनिक ओलम्पिक का पितामह भी कह सकते है। और दो साल बाद वर्ष 1894 ईस्वी में  कांग्रेस के सामने इन्होने ओलम्पिक को फिर से शुरू करने प्रस्ताव रखा, और इसे सबों की सहमति से पास कर दिया गया।

और इसके ठीक दो साल बाद 1896 ईस्वी में ग्रीस के एथेंस में पहला आधुनिक ओलम्पिक खेल आयोजित किया गया। दुनिया के कई देशो के खिलाडियों ने इसमें भाग लिया।और यह एक भव्य और सफल आयोजन रहा।  

इसके बाद अगले दो ओलम्पिक 1900, और 1904 ईस्वी में आयोजित कुछ खास नहीं रहा और उतना लोकप्रिय नहीं सका जितना पहला ओलम्पिक था। प्रथम विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1916 में आयोजित होने वाले छठवे ओलम्पिक स्थगित हो गयी, इसके साथ साथ दूसरे विश्व युद्ध के कारण भी बारहवें (1940) और तेरहवे (1944) ओलम्पिक खेल का आयोजन नहीं किया जा सका।

साल 1950 के दशक में विश्व के दो महाशक्ति रूस और अमेरिका के ओलम्पिक में शामिल हो जाने के बाद ये प्रतियोगिता और भी रोमांचक बन गया, चुकीं ये दोनों देश के लम्बे समय तक शीत युद्ध में शामिल थे। और दोनों देश परमाणु शक्ति से लैस थे तो ये दोनों खुलकर एक दूसरे के साथ कुछ कर नहीं सकते थे। इसकी वजह से ओलम्पिक पदकों को अब देश का प्रतिष्ठा के साथ देखे जाने लगा था। और एक तरह की पदकों के रेस शुरू हो गयी थी।  

अब तक का सबसे सफल आयोजन साल 2008 में चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित ओलम्पिक को माना जाता है, इसका कारण है।  चीन ने इस ओलम्पिक को भव्य और शानदर मेजबानी कर पुरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, साथ में चीन ने इस ओलम्पिक में सबसे अधिक गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।

ओलम्पिक मशाल जलाने की शुरुआत वर्ष 1928 में एम्स्टर्डम ओलम्पिक से हुई। चुकीं ओलम्पिक खेल की शुरुआत ओलम्पिया शहर से हुई थी, ओलम्पिक खेल शुरू होने से पहले ओलम्पिया में स्थित ज्यूस भगवान के मंदिर में सूर्य की किरणों से मशाल को प्रज्जवलित किया जाता है, फिर विभिन्न देशों के खिलाडियों द्वारा इसे आयोजन स्थल तक लाया जाता है, और फिर इसी मशाल से आयोजित स्थल वाला मशाल जला कर ओलम्पिक की शुभारम्भ होती है। 

एक नजर अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति पर 

स्थापना  23 जून 1894
मुख्यालय  लुसाने, स्विट्ज़रलैंड 
सदस्यों की संख्या  105 एक्टिव सदस्य, 45 औनोरी सदस्य 
पहले अध्यक्ष  डेमट्रियोस विकेलास
वर्तमान अध्यक्ष  थॉमस बच
वर्तमान उपाध्यक्ष  

John Coates

Yu Zaiqing

Ng Ser Miang

Nicole Hoevertsz

आधिकारिक भाषा  इंग्लिश, फ्रेंच 

Note :- प्राचीन ओलम्पिक खेलो में महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित था, पर आधुनिक ओलम्पिक में महिलाएं हिस्सा ले सकती थी। और पहली महिला ओलम्पिक पदक विजेता यूनाइटेड किंगडम की charlotte cooper, थी जो की 1900 ईस्वी में आयोजित ओलम्पिक खेल में जीती थी।

ओलम्पिक खेल का चिन्ह क्या है?

ओलम्पिक खेल का प्रतिक चिन्ह का पांच रिंग है, जो आपस में कनेक्टेड है। और ये पांच अलग- अलग रंग नीला, लाल, हरा ,पीला, और काला है। जो की दुनिया के पांच महाद्वीपों एशिया, यूरोप, अफ्रीका, नार्थ अमेरिका, और साउथ अमेरिका को दर्शाता है। और इस प्रतिक को पियरे दी कुवर्तेन के द्वारा बनाया गया था। 

ओलम्पिक खेल में भारत का प्रदर्शन 

ओलम्पिक खेल में भारत ने सर्वप्रथम 1900 ईस्वी में हिस्सा लिया था, और इस ओलम्पिक में भारत की तरफ से सिर्फ एक खिलाडी नॉर्मन प्रिचर्डने ने भाग लिया था। और इन्होने एथलेटिक्स में कुल दो सिल्वर मेडल जीते थे।

भारत ने आधकारिक तौर पर साल 1920 के ओलंपिक्स में हिस्सा लिया था। सर दोराबजी टाटा और तत्कालीन बॉम्बे के गवर्नर के समर्थन से भारत ने अंतराष्टीय ओलम्पिक समिति में, भारत की ओलम्पिक में भागीदारी सुनिश्चित की और फिर भारत ने 4 सदस्यीय दल 1920 ओलम्पिक में भेजा।

वर्ष 1923 ईस्वी में भारतीय ओलम्पिक समिति का गठन हुआ, पर साल 1924 में भारतीय ओलम्पिक समिति, राष्ट्रीय खेल में तब्दील कर दिया गया। फिर साल 1927 में पूर्ण रूप से भारतीय ओलम्पिक एसोसिएशन की स्थापना की गयी। इसका मुख्य काम था भारत में खेलो का विकास करना और अच्छे अच्छे खिलाडियों को चुन कर पहले राष्ट्रीय खेल के लिए भेजना और फिर में राष्ट्रीय खेल से निकले  बेहतरीन खिलाडी को ओलम्पिक में भेजना। 

वर्त्तमान समय तक भारत कुल 35 पदक जित चूका है जिसमे 10 गोल्ड मेडल, 9 सिल्वर मेडल और 16 ब्रोंज मेडल शामिल है। भारत ने अपना पहला गोल्ड मेडल साल 1928 में हॉकी में जीता था, और इसके अगले दो संस्करण 1932 और 1936 में भी भारत ने हॉकी में गोल्ड मेडल जीता था। बहुत लम्बे समय तक भारत की नेशनल हॉकी टीम ओलम्पिक में ने हावी रही थी। भारत ने 1920 से 1980 तक हॉकी में कुल 11 पदक जीते थे। जिसमे 8 गोल्ड मेडल शामिल थे। 

कर्णम मल्लेश्वरी ओलम्पिक में पदक जितने वाली पहली भारतीय महिला बनी, इन्होने साल 2000 में वेटलिफ्टिंग में ब्रोंज मेडल जित भारत को गौरवान्वित किया, और इसके साथ पुरे भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी, इससे महिलाओं में ये सन्देश गया की एक महिला सिर्फ घर का काम करने के लिए पैदा नहीं हुई है बल्कि ओलम्पिक में पदक भी जित सकती है।

साल 2004, ग्रीस ओलंपिक्स में भारत की झोली में केवल एक मेडल (सिल्वर) आया, और यह मेडल शूटर राजवर्धन सिंह राठौर ने जीता था।

भारत ने अंतिम बार गोल्ड साल 2008 में बीजिंग ओलम्पिक जीता था, जो की ये गोल्ड निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में भारत के लिए जीतकर देश को गौरवान्वित किया था। इसके अलावा भारतीय बॉक्सर विजेंद्र सिंह और रेसलर सुशिल कुमार ने ब्रोज़ मेडल जित भारत को गौरवान्वित किया। 

साल 2012 में लंदन ओलंपिक्स में भारत ने कुल 6 पदक जीते, जिसमे दो सिल्वर मेडल, विजय कुमार, सुशील कुमार ने जीते और 4 ब्रोंज मेडल  शायना नेहवाल, मैरी कॉम, गगन नारंग, योगेश्वर दत्त ने जित भारत को गौरवान्वित किया। 

इसके बाद साल 2016 में ब्राज़ील के रियो ओलम्पिक में भारत के बैडमिंटन खिलाडी पी वी सिंधु ने सिल्वर मेडल और साक्षी मलिक ने ब्रोंज मेडल जित अपने देश भारत को गौरवान्वित होने का मौका दिया। 

और टोक्यो ओलम्पिक 2020 में भारत ने ओलम्पिक के इतिहास में अपना सबसे बढ़िया प्रदर्शन करते हुए कुल 7 पदक अपने नाम किया। जिसमे भारत के जेवलिन थ्रो के खिलाडी नीरज चोपड़ा ने एक गोल्ड मेडल जित इतिहास रच दिया। और भारत के ओलंपिक्स के इतिहास में पहले एथेलिटिक्स खिलाडी है जिन्होंने मेडल जीता है। 

और दो सिल्वर मेडल, भारतीय पहलवान रवि दहिया एवं भारत के वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के द्वारा जीता गया। इसके साथ साथ 4 ब्रोंज मेडल, पहलवान बजरंग पुनिया, इंडियन पुरुष हॉकी टीम, भारतीय बॉक्सर लवलीना बोर्गोहैन, एवं भारतीय बैडमिंटन खिलाडी, और रिओ ओलम्पिक के सिल्वर मेडलिस्ट पी वी सिंधु ने जीतकर भारत को गौरवान्वित किया।

FAQs – ओलम्पिक खेल पर निबंध (Essay on Olympic in Hindi)

Q. ओलम्पिक में कितने खेल होते है  

उत्तर- रियो ओलम्पिक 2016 में कुल 26 खेल आयोजित हुआ था।

Q. अंतराष्ट्रीय ओलम्पिक दिवस किस दिन मनाया जाता है

उतर – 23 जून

Q. ओलंपिक में भारत ने सबसे ज्यादा मेडल किस खेल में जीते हैं

उत्तर- भारत ने ओलम्पिक में सबसे ज्यादा मेडल हॉकी में जीते है, जिसमे आठ गोल्ड, एक सिल्वर, और तीन ब्रोंज शामिल है।

Q. भारत ने हॉकी में प्रथम ओलंपिक स्वर्ण कब जीता

उत्तर- 1928 ईस्वी में 

Q. भारत में ओलंपिक खेलों का आयोजन कितनी बार हुआ 

उत्तर-  एक बार भी नहीं 

Q. ओलंपिक खेलों में महिलाओं की भागीदारी कब हुई?

उत्तर- आधुनिक ओलम्पिक में महिला खिलाडी भाग ले सकती थी, पर पहली बार ओलम्पिक में महिलाओं की भागीदारी साल 1900 ईस्वी में आयोजित ओलम्पिक से हुई।

Q. प्रथम ओलंपिक खेल कब और कहां हुआ था?

उत्तर- प्रथम ओलम्पिक खेल 776 इसा पूर्व ग्रीस के शहर ओलम्पिया में हुई थी। 

Q. भारत ने ओलंपिक में सर्वप्रथम कब प्रतिभाग किया

उत्तर- 1900 ईस्वी में 

Q. आधुनिक ओलंपिक गेम्स की शुरुआत कहाँ हुई थी?

उत्तर-  आधुनिक ओलम्पिक की शुरुआत ग्रीस के राजधानी एथेंस में हुई थी 

Q. भारत ने ओलंपिक हॉकी का पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक अंतिम बार कब जीता था?

उत्तर- वर्ष 1980 में 

Q. रैकेट खेलों में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कौन थी?

उत्तर- साइना नेहवाल 

आशा करता हूँ ये आर्टिकल ओलम्पिक खेल पर निबंध (Essay on Olympic in Hindi) को पढ़कर अब आप ओलिंपिक खेलो के बारे में अच्छे से जान गए होंगे, आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करे, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है, धन्यवाद।

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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