Pollution Essay in Hindi | प्रदूषण पर निबंध हिंदी में

दोस्तों जिस प्रकार दुनिया में आधुनिकीकरण हो रहा है वैसे में प्रदूषण की समस्या भी दिन प्रतिदिन उतनी ही तेजी के साथ देश और दुनिया में फैलती जा रही है इसका प्रतिकूल प्रभाव मानव जीवन और जीव-जंतुओं पर पड़ रहा है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग की भी समस्या आज एक विकराल रूप से विश्व के सामने उत्पन्न हो गई है। 

pollution essay in hindi

ऐसे में प्रदूषण को ना रोका गया तो एक दिन दुनिया का अंत होना निश्चित है ऐसे में प्रदूषण होने के क्या कारण है प्रदूषण रोकने के लिए हमें क्या उपाय करना चाहिए, प्रदूषण का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ऐसी अनेकों प्रश्न आपके दिमाग में जरूर आ रहे होंगे अगर आप इन सभी प्रश्नों के जवाब जानना चाहते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस आर्टिकल प्रदूषण पर निबंध (Pradushan Par Nibandh) को अंत तक जरूर पढ़े। 

प्रदूषण क्या है? (Pollution Meaning in Hindi)

पुरे ब्रह्माण्ड में पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन जीना सभी के लिए संभव है इसके पीछे की वजह है कि पृथ्वी पर जीवन जीने हेतु महत्वपूर्ण गैसों का अनुपात है उसका संतुलन संतुलित है। ऐसे में जब वायुमंडल में गैसों के अनुपात में असंतुलन उत्पन्न होगा।

और ऐसे पदार्थों का वायुमंडल में प्रवेश होगा जिसके कारण वायुमंडल का संतुलन बिगड़ जाए तो उसे ही हम लोग प्रदूषण कहते हैं प्रदूषण अनेकों प्रकार के होते हैं और जिसका काफी नकारात्मक प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। 

प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं? (Essay on Pollution in Hindi)

प्रदूषण (Pollution Essay Hindi) मुख्य तौर पर चार प्रकार के होते हैं जिसकी चर्चा निचे विस्तारपूर्वक किया गया है। 

वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण का मतलब होता है कि हवा में हानिकारक पदार्थों का मिल जाना जिसके कारण हवा आपकी प्रदूषित हो जाती है और हमें सांस लेने में दिक्कत या परेशानी का सामना करना पड़ता है इसका ज्वलंत उदाहरण दिल्ली में बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण है जिसके कारण वहां का वातावरण हमेशा  करता है और लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वायु प्रदूषण होने का कारण निकलने वाली नाइट्रोजन गैस हैं इसके अलावा आप जब कोई भी कूड़ा कचरा जलाते हैं तो उससे उत्पन्न भी गैस वातावरण में जाकर वायु प्रदूषण को उत्पन्न करने में अपनी भूमिका अदा करती है इस प्रकार वाहनों की संख्या बढ़ रही है वैसे में वायु प्रदूषण भी तेजी के साथ फायदा है क्योंकि गाड़ियों से निकलने वाला जहरीला  गैस वायु प्रदूषण बढ़ाने का प्रमुख कारण है। 

जल प्रदूषण

जल प्रदूषण का मतलब होता है कि जल में अगर किसी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ मिल जाए और जल पीने के योग्य ना रह जाए तो ऐसे में उसे हम लोग जल प्रदूषण कहेंगे जल प्रदूषण होने का सबसे प्रमुख कारण है कि कल का खाने से निकलने वाले कचरे को जल्द में प्रवाहित किया जाता है जिसके कारण जल प्रदूषित हो जाता है।

और जल प्रदूषण होने से जीव जंतुओं को भी अनेकों प्रकार के नुकसान पहुंचते हैं और इसके अलावा पीने योग्य पानी की कमी हो जाती है और कई लोग इस प्रकार के पानी पीने से बीमार हो जाते हैं जिसके कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारी हो सकती है। डायरिया, टाइफॉइड इत्यादि बीमारियॉं जल प्रदुषण के कारण ही होती है। 

मिट्टी प्रदूषण

मिट्टी प्रदूषण होने के कारण सबसे प्रमुख हेतु किसान जब मिट्टी में उर्वरक के रूप में अनेकों प्रकार के कीटनाशक पदार्थों का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करता है तो मिट्टी प्रदूषण जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है और इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित होती है। और इस प्रकार की मिट्टी में कोई भी फसल अच्छी नहीं होगी। इसके अलावा इस प्रकार के मिट्टी में मच्छरों के प्रजनन करने की क्षमता में वृद्धि होती है। 

ध्वनि प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण का मतलब होता है ध्वनि से जो प्रदूषण उत्पन्न हो उसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं ध्वनी प्रदुषण होने का प्रमुख कारण है जिस प्रकार गाड़ियों की संख्या बढ़ी है उन से निकलने वाला आवाज ध्वनि प्रदूषण को उत्पन्न करता है  इसके अलावा आजकल हमलोग शादी विवाह या त्योहारों में अत्याधिक आवाज वाले म्यूजिक सिस्टम का प्रयोग करते है। इनसे भी ध्वनि प्रदूषण होती। है।

इसके साथ- साथ हमलोग दीपावली जैसे त्योहारो में पटाखों का इस्तेमाल करते हैं वह भी ध्वनि प्रदूषण के कारणों को में से एक है। अगर इसी प्रकार ध्वनि प्रदूषण बढ़ता रहा तो लोगों को मस्तिक से जुड़ा हुआ गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाएगा इसके अलावा कई लोगों को बहरेपन जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है इसलिए ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। 

प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?

प्रदूषण होने के निम्नलिखित प्रकार के कारण होते है है जिसे विस्तारपूर्वक निचे बताया गया है। 

वनों की कटाई करना

जिस प्रकार मानव तेजी के साथ वनों की कटाई कर रहा है वैसे मैं प्रदूषण भी काफी तेजी के साथ फैला है क्योंकि अगर पेड़  नहीं होंगे तो प्रदूषण को रोकने का जो भी उपाय है उसकी समाप्ति खुद आप अपने हाथों के माध्यम से कर रहे हैं। पेड़ पौधे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं और साथ में ऑक्सीजन के लेवल को भी बढ़ाते हैं। ऐसे में अगर इसी तरह तेजी से वनों की कटाई होती रही तो ग्लोबल वार्मिंग का खतरा और भी बढ़ जाएगा जिसके कारण दुनिया का नाश होना निश्चित हो जाएगा। 

उद्योग धंधे

आज जिस प्रकार दुनिया तेजी से औधोगिकीकरण की ओर बढ़ रही है वैसे मैं कल-कारखानों से निकलने वाले जहरीले गैस के कारण वायुमंडल में ग्रीनहाउस हाउस गैसों की मात्रा में तेजी से वृद्धि हो रही है जिसके कारण वातावरण में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। तो भविष्य में वायुमंडल का तापमान बढ़ता रहेगा।

और मौसम में भी अनेको प्रकार के बदलाव महसूस किया जाएगा और भूकंप और सुनामी जैसी घटनाएं काफी तेजी के साथ विश्व में घटेंगीं। जिससे लाखों की संख्या में जान माल की हानि होगी और मनुष्यों, जीव-जंतुओं की मृत्यु होगी। ऐसे में हमें ध्यान देना होगा कि किस प्रकार हम अपने वायुमंडल को बचा पाए। 

पटाखें फोड़ना 

जी हाँ पटाखें फोड़ना भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने में काफी मदद करती है। आप कोशिश करें के शादी-विवाह होली, दिवाली जैसे त्योहारों या किसी भी प्रकार का सेलिब्रेशन में पटाखें ना फोड़े इससे काफी प्रदूषण होता है। और तो और आज कल तो ये फैशन चल गया है लोग किसी भी प्रकार का सेलिब्रेशन में पटाखें तो फोड़ते ही है ऐसा लगता है की अगर लोग पठाखें न फोड़ेंगे तो खुशियाँ को सेलेब्रेट नहीं कर पाएंगे। 

अत्याधिक प्लास्टिक का इस्तेमाल करना

आजकल प्लास्टिक का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है की ये भी एक प्रमुख प्रदुषण कारक बन गया है। क्यूंकि प्लास्टिक को सड़ने गलने में कई वर्ष लग जाते है और तब तक ये हमारे गली मोहल्ले, सड़कों को प्रदूषित करती रहती है। हालाकिं राज्य सरकार समय समय पर प्लास्टिक पर बैन या प्रतिबन्ध लगाते रहती है। फिर भी इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है।

प्लास्टिक का इस्तेमाल कम तभी होगा जब आप और हम व्यक्तिगत रूप से इसे प्रयोग में न लेंगे। तो हमें एक कर्तव्पूर्ण नागरिक के तौर पर ये करना होगा की जब भी आप राशन या सब्जी खरीदने बाजार जाएँ तो साथ में एक थैला भी लें लें और इसी में सारा सामान रखकर घर लाएं। 

प्रदूषण रोकने के उपाय क्या है?

निचे प्रदूषण को कम करने के लिए 10 तरीके के बारे में बात की गई है जो इस प्रकार है। 

  • होली, दीपावली, या शादी विवाह में पटाखों का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें। 
  • अपने आसपास के जगह को हमेशा साफ सुथरा रखें। 
  • अपने आस पास अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। 
  • कीटनाशक रसायनिक पदार्थों का प्रयोग ना करें। 
  • सरकार को कल कारखानों से जुड़े हुए नियमों, प्रतिबंधों को और भी कड़े करने की जरूरत है ताकि कारखानों से निकलने वाले कचरे को रोका जा सके। 
  • फसलों, सब्जियों इत्यादि उगाने के क्रम में जैविक खादों का अधिक इस्तेमाल कर भी प्रदुषण को कम किया जा सकता है। 
  • नदी और तालाबों की साफ-सफाई नियमित रूप से करें। 
  • रेडियोधर्मी तत्वों का प्रयोग कम से कम करें और इसके लिए विशेष नियम का निर्माण करें।
  • प्लास्टिक का अत्याधिक इस्तेमाल पर सरकार रोक या कड़े प्रतिबन्ध लगाएं। 
  • और आप और हम भी एक सजग नागरिक बनिए जब भी बाजार सब्जी या कोई किराना सामान लेने जाये तो घर से ही एक थैली जरूर ले ले ताकि दुकानदार आपको सामान प्लास्टिक में न दे सके। 

दुनिया के दस सबसे प्रदूषित शहर

दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहर निम्नलिखित है। 

  1. दिल्ली, भारत (एक्यूआई: 556)
  2. लाहौर, पाकिस्तान (एक्यूआई: 354)
  3. सोफ़िया , बुल्गारिया (एक्यूआई: 178)
  4. कोलकाता, भारत (एक्यूआई: 177)
  5. जाग्रेब, क्रोएशिया (एक्यूआई: 173)
  6. मुंबई, भारत (एक्यूआई: 169)
  7. बेलग्रेड, सर्बिया (एक्यूआई: 165)
  8. चेंगदू, चीन (एक्यूआई: 165)
  9. स्कोपिया, उत्तरी मैसेडोनिया (एक्यूआई: 164)
  10. क्राको, पोलैंड (एक्यूआई: 160)

उपसंहार – अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की आप एक सजग भारतीय नागरिक बनिए और दिन प्रतिदिन बहुत ही तेजी से बढ़ रहे प्रदुषण को कम करने में अपने समाज और सरकार का साथ दे। अपने आस पास साफ सफाई का ध्यान रखे, शादी विवाह, दिवाली में पटाखें न फोड़े।

वृक्षारोपण करें और साथ में वृक्षारोपण के लिए अपने समाज के लोगो को भी प्रेरित करे। कहने का मतलब ये है की आप पर्यावरण, प्रदुषण का ख्याल रखे ताकी आने वाली पीढियां खुले हवा में साँस ले सके और प्रदूषणमुक्त जीवन जी सके। 

Q. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्या है?

Ans – वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) वायु की गुणवत्ता जाँचने के लिए एक इंडेक्स है। इससे मदद से वायु की गुणवत्ता जाँची जाती है।

Q. प्रदूषण कितने प्रकार के होते है?

Ans – प्रदुषण (Pollution) मुख्यतः चार प्रकार के होते है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण के रूप में जाना जाता है।

Q. प्रदूषण को कैसे कम किया जा सकता है?

Ans – प्रदुषण रोकने के लिए अपने आस पास साफ सफाई का ध्यान रखे, शादी विवाह, पर्व त्योहार जैसे होली, दिवाली इत्यादि में में पटाखें न फोड़े, वृक्षारोपण करें और साथ में वृक्षारोपण के लिए अपने समाज के लोगो को भी प्रेरित करे। इन सभी उपायों को अपनाकर प्रदुषण को कम किया जा सकता है।

आशा करता हूँ आपको ये आर्टिकल प्रदुषण पर निबंध (hindi essay on pollution) अच्छा और ज्ञानवर्धक लगा होगा, मेरे तरफ से आपसे यही गुजारिश है की आप भी एक सजग नागरिक बनिए और जहाँ तक हो सके प्रदुषण को ना फैलाएं। अगर ये लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे आप अपने दोस्तों, सहपाठियों के साथ भी जरूर शेयर करें, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट में पूछ सकते है धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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