राहत इंदौरी एक सुप्रसिद्ध भारतीय उर्दू शायर एवं हिंदी सिनेमा जगत के जाने-माने गीतकर थे | इन्होने अपनी स्नातक की पढाई इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में पूरी की,और 1975 में बरकतुल्लाह विश्वविधालय भोपाल से उर्दू साहित्य में M.A किया।
इसके बाद 1985 में उन्होंने मध्यप्रदेश के मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविधालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की | वे देवी अहिल्या विश्वविधालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रहे .
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राहत इंदौरी जीवन परिचय (Rahat indori Jivani in Hindi, Birth, Death, Age, Wife, Children, Career, Famous Shayari, Books, Bollywood Songs)
पूरा नाम (Name) | राहत कुरैशी | |||||||
जन्म (Birthday) | 1 जनवरी 1950 इंदौर, मध्यप्रदेश, भारत | |||||||
पिता (Father Name) | रफ्तुल्लाह कुरैशी | |||||||
माता (Mother Name) | मकबूल उल निशा बेगम | |||||||
पत्नी (Wife Name) | सीमा राहत, अंजुम रहबर | |||||||
बच्चें (Children) | शिबली, फैसल, सतलज | |||||||
शिक्षा (Education) | M.A, P.H.D (उर्दू साहित्य में) | |||||||
वयवसाय (Occupation) | उर्दू शायर, गीतकार | |||||||
निधन (Death) | 11 अगस्त 2020 |
राहत इंदौरी का प्रारंभिक जीवन (Rahat indori Birth)
राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्यप्रदेश में एक कपडा मिल कर्मचारी ऱफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उल निशा बेगम के यहाँ हुआ था | वे अपने माता-पिता के चौथे संतान थे। इनकी दो बड़ी बहने थी जिनके नाम तहजीब और तक़रीब थे, एवं इनके दो भाई, बड़े भाई अकील और छोटे आदिल है.
इनके परिवार की आर्थिक स्तिथि कुछ अच्छी नहीं थी जिससे शुरूआती जीवन में इनको काफी समस्याओं का सामान करना पड़ा था। बहुत कम ही लोग जानते है की ये एक अच्छे चित्रकार थे । महज 10 साल की उम्र में इन्होने चित्रकारी करना शुरू कर दिया था चित्रकारी उनके रूचि क्षेत्रो में से एक थी और बहुत जल्द ही वो एक व्यस्ततम चित्रकार बन गए और एक समय ऐसा भी आया जब इनके ग्राहकों को इनके के द्वारा चित्रित बोर्डो को पाने के लिए कई महीनो तक इंतज़ार करना पड़ता था.
राहत इंदौरी का शिक्षा (Rahat indori Education)
राहत इंदौरी की प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में हुई | इन्होने अपनी स्नातक की पढाई इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में पूरी की,और 1975 में बरकतुल्लाह विश्वविधालय भोपाल से उर्दू साहित्य में M.A किया | इसके बाद 1985 में उन्होंने मध्यप्रदेश के मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविधालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की | वे देवी अहिल्या विश्वविधालय इंदौर में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रहे | इनकी थीसिस उर्दू मुख्य मुशायरा के लिए इनको सम्मानित भी किया गया था.
राहत इंदौरी का शायरी जीवन (Rahat indori Career)
राहत इंदौरी महज 19 वर्ष की उम्र से ही शेरो शायरी पेश करना शुरू कर दिए थे इनके छात्र इनके बारे में कहते है की ये बहुत ही अच्छे व्याख्याता थे ,धीरे-धीरे इनके चर्चे देश विदेश में होने लगे और इनको मुशायरा पढ़ने के लिए विदेशो से भी निमंत्रण मिलने लगे। इनमे कठिन परिश्रम, लगन और शब्दों से खेलने की एक विशिष्ट शैली थी जो इनको औरो से एक अलग पहचान देता था जिससे बहुत जल्द ही इनको लोगो के बिच प्रसिद्ध बना दिया.
राहत इंदौरी शायरी के बादशाह थे ,इनका मुशायरा पढ़ने का एक अलग ही अंदाज था जहां भी जाते थे महफ़िल लूट लेते थे वे जब मुशायरा पढ़ रहे होते थे तो उन्हें देखना और सुनना एक अलग ही अनुभव से गुजरना होता था राहत जब मंच पे मुशायरा पढ़ते तो हंसकर ,झूमकर पढ़ते और साथ ही ऊपर आसमान की तरफ देखा करते थे ऐसा लगता मानो वो खुदा से बात कर रहे हो। इनके हर शेर के पीछे दर्द और कहानी होती थी और बहुत दिलकश अंदाज में शेर के माध्यम से इस दर्द और कहानी को बयां करते थे.
राहत इंदौरी की प्रसिद्द किताबे (Rahat indori Books)
- रुत – Rut
- दो कदर और सही – Do Kadar Aur Sahi
- धुप बहुत है – Dhoop Bahut Hai
- मेरे बाद – Mere Bad
- मौजूद – Maujood
- नाराज़ – Naraz
- चाँद पागल है – Chand Pagal Hai
राहत इंदौरी की प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत (Rahat indori Songs)
- ये रिश्ता क्या कहलाता है (फ़िल्म- मीनाक्षी)
- चोरी-चोरी जब नज़रें मिलीं (फ़िल्म- करीब)
- देखो-देखो जानम हम दिल (फ़िल्म- इश्क़)
- नींद चुरायी मेरी (फ़िल्म- इश्क़)
- मुर्शिदा (फ़िल्म – बेगम जान)
- धुंआ धुंआ (फ़िल्म- मिशन कश्मीर)
- आज हमने दिल का हर किस्सा (फ़िल्म- सर)
- तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है (फ़िल्म- खुद्दार)
- खत लिखना हमें खत लिखना (फ़िल्म- खुद्दार)
- रात क्या मांगे एक सितारा (फ़िल्म- खुद्दार)
- दिल को हज़ार बार रोका (फ़िल्म- मर्डर)
- एम बोले तो मैं मास्टर (फ़िल्म- मुन्नाभाई एमबीबीएस)
राहत इंदौरी की प्रसिद्ध गजल (Rahat indori Famous Shayari)
अगर ख़िलाफ़ हैं होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुआँ है कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएँगे घर कई ज़द में
यहाँ पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है
मैं जानता हूँ के दुश्मन भी कम नहीं लेकिन
हमारी तरहा हथेली पे जान थोड़ी है
हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है
हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है
जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है
राहत इंदौरी का निधन (Rahat indori Death)
मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन 11 अगस्त 2020 को मध्यप्रदेश के इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हो गया , इनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था.
"मैं मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना
लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना"
-Rahat Indori
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