हेलो दोस्तों, इस ब्लॉग में आपका स्वागत है, तो चलिए आज बात करते है ,आरएसएस के बारे में, पिछले कुछ सालो से भारत में ये शब्द न्यूज़ डिबेट, समाचार पत्रों, या सोशल साइट्स में कही न कही आपको सुनने को मिल ही जायेंगे, बहुत से लोगो का अलग अलग मत है आरएसएस को लेकर तो आइये इस आर्टिकल आरएसएस (RSS) क्या है? RSS Full Form in Hindi में विस्तार से जानेंगे आरएसएस के बारे में।
आरएसएस(RSS) क्या है? एवं इसका उद्देश्य क्या है।
आरएसएस भारत का एक हिन्दू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक, स्वंयसेवक संगठन है। जो मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन माना जाता है। आरएसएस का मुख्य उद्देश्य भारतीय हिन्दू समाज को अपने सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। एवं भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए हिन्दू समाज खासकर बहुसंख्यक समाज के लोगो को एकजुट करना।
एवं आरएसएस अपने हिंदुत्व विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध है और इस कार्य के लिए अग्रसर है। आरएसएस का मुख्य उद्देश्य भारत को विश्वशक्ति और परम वैभव बनाना है इस संघ का निर्माण खोये हुए संस्कार और अपने बच्चे को संस्कार देना है यह प्राकृतिक आपदा के वक्त सभी धर्म के लोगो को मदद करता है ।आरएसएस के सेवक प्राकृतिक आपदाओं के समय आपको सेवा करते हुए हर जगह मिल जायेंगे।
आरएसएस का इतिहास (RSS History in Hindi)
आज से 95 वर्ष पहले 27 सितम्बर 1925 ईस्वी को विजयदशमी के दिन आरएसएस का स्थापना किया गया था, इसके संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार है । आरएसएस का मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर में स्तिथ है। फ़िलहाल आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत जी है। ये भारत के उन गिने चुने लोग में से है, जिन्हे भारत सरकार जेड प्लस की सुरक्षा मुहैया कराती है।
बीबीसी ने आरएसएस को विश्व का सबसे बड़ा स्वंयसेवी संगठन बताया है। आरएसएस पहली बार तब प्रसिद्ध हुआ जब आरएसएस के एक पूर्व सदस्य नाथूराम गोडसे ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को 30 जनवरी 1948 ईस्वी को गोली मारकर हत्या कर दी ।
आरएसएस को अभी तक कुल तीन बार प्रतिबन्ध किया जा चूका है सर्वप्रथम वर्ष 1948 में महात्मा गाँधी के मौत के बाद उस समय के गृह मंत्री सरदार बल्लव भाई पटेल ने इसे बैन करवा दिया। दूसरी बार इमरजेंसी के दौरान वर्ष 1975-1977 के दौरान क्यूंकि इस संगठन ने इमरजेंसी का विरोध किया था, एवं तीसरी बार वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद के बिध्वंश के बाद इसे बैन कर दिया गया था।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के द्वारा लगाए गए इमरजेंसी के समाप्त होने के बाद वर्ष 1977 में केंद्र में जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ एवं मोरारजी देसाई के नेतृत्व में केंद्र में आजादी के बाद पहली बार गैरकांग्रेसी सरकार बनी।
इसके बाद धीरे धीरे आरएसएस का भारत में राजनैतिक महत्त्व बढ़ते चला गया। परिणामस्वरूप एक राजनितिक पार्टी ‘भारतीय जनता पार्टी’ बनी, जिसे लोग आम तौर पर आरएसएस का एक पोलिटिकल ब्रांच के रूप में देखते है। बाद में प्रसिद्ध स्वंयसेवक अटल बिहारी वाजपेई वर्ष 2000 में भारत के प्रधानमंत्री बन कर देश की सत्ता पर आसीन हुए।
भारतीय संविधान सभा के द्वारा 22 जुलाई 1947 ईस्वी को तिरंगे को भारतीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया गया था। शुरुआत में आरएसएस ने तिरंगे को भारतीय ध्वज के रूप में अपनाने से इंकार कर दिया था। और आरएसएस ने अपने मुख्य पत्र “आर्गेनाइजर” के जरिये की भगवा को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार करने की मांग रखी।
हालाकिं 52 वर्षो के बाद साल 2002 में गणतंत्र दिवस के दिन आरएसएस ने अपने मुख्यालय में तिरंगा झंडा फहराया।
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RSS Full Form in Hindi
आरएसएस का मुख्य रूप से दो फुल फॉर्म होते है जो निम्न है।
- RSS- Rashtriya Swayamsevak Sangh, जिसे हिंदी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बोला जाता है।
- RSS- Really Simple Syndication
आरएसएस कैसे ज्वाइन करे? (Rss Kaise Join Kre)
आरएसएस में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के लिए बाल भारती और बालगोकुल कार्यक्रम चलाये जा रहे है। इसके जरिये युवाओं में बचपन से ही हिन्दू संस्कृति, एवं देश के प्रति समर्पण की भावना जागृत की जाती है।
आप आराम से आरएसएस के शाखा में जाकर आरएसएस ज्वाइन कर सकते है, इसके लिए कोई फीस नहीं लगती है।दोस्तों यह शाखा सुबह, शाम लगती है, आरएसएस के शाखा आपको लगभग हर एक छोटे बड़े शहरो जैसे प्रखंडों स्तर, जिला स्तर या बड़े बड़े शहरो में देखने को मिल जायेंगे।
आरएसएस (संघ) की प्रार्थना
“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे “, संघ की द्वारा आयोजित कार्यक्रमों या शाखा में ये प्रार्थना को जरूर से जरूर गाया जाता है। एवं भगवा ध्वज के सामने नमन किया जाता है। और हाँ स्त्रियों की शाखा राष्ट्र सेविका समिति और विदेशो में लगने वाली शाखा हिन्दू सेवक संघ की प्रार्थना अलग-अलग है।
आरएसएस से जुड़ने के फायदे
- आपको अपने संस्कृति, इतिहास पर गर्व होगा।
- आपको गरीब, असहाय लोगो को मदद करने का मौका मिलेगा।
- शाखा में जाने के कारण आपको नए नए लोगो से मिलने का मौका मिलेगा।
- आरएसएस की शाखा में व्यायाम, कसरत इत्यादि करवाया जाता है, इससे आप चुस्त – दुरुस्त हो जायेंगे।
- प्रतिदिन शाखा में जाने के कारण आपमें देश प्रेम एवं देश की सेवा करने की भावना जागृत हो जायेंगे।
RSS से बनने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
Q. आरएसएस की कितनी शाखाएं है भारत में
उत्तर- आज भारत में आरएसएस के 50 हजार से भी कहीं ज्यादा शाखाएं चल रही है और इसमें एक करोड़ से अधिक की संख्या में स्वंसेवक है।
Q. वर्तमान समय में आरएसएस के प्रमुख कौन है?
उत्तर – वर्त्तमान समय (2021) में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत जी है जो आरएसएस के छठवें प्रमुख है जो साल 2009 से ही RSS के प्रमुख के पद पर है।
Q. आरएसएस कौन ज्वाइन कर सकता है?
उत्तर – आरएसएस में किसी भी जाती धर्म का हो पुरुष, स्त्री कोई भी हो ज्वाइन कर सकता है, एवं इससे कभी भी अलग हो सकता है।
Q. आरएसएस का मुख्यालय कहाँ है?
उत्तर – आरएसएस का मुख्यालय नागपुर, महाराष्ट्र भारत में स्तिथ है।
Q. क्या लड़कियां आरएसएस ज्वाइन कर सकती है
उतर- जी हाँ बिलकुल ज्वाइन कर सकती है, लड़कयों, स्त्रियों के लिए राष्ट्र सेविका समिति में , RSS का महिला हिंदूवादी संगठन है।
आशा करता हूँ ये आर्टिकल आरएसएस (RSS) क्या है ? RSS Full Form in Hindi , ज्ञानवर्धक लगा होगा, अब आप और अधिक जान पाए होंगे आरएसएस के बारे में, अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें, किसी भी प्रकार का सवाल आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है, धन्यवाद!
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