बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है?

भगवान बुध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे और उन्हें भगवान विष्णु का 9 अवतार भी माना जाता है ऐसे में दोस्तों कल यानि सोमवार को बुद्धपूर्णिमा पूरे देश भर में मनाई जाएगी ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल तो जरूर आते होंगे कि आखिर में बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है।

और उसका महत्व क्या है कई लोगों को इसके बारे में जानकारी होगी लेकिन अधिकांश लोग इसके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं अगर आप नहीं जानते हैं बुध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है अगर आप जानने के इच्छुक हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप इस लेख बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है को आखिर तक जरूर पढ़े आइए जानते हैं। 

गौतम बुद्ध कौन थे? (Who is Gautam Buddha)

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गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। गौतम बुध का जन्म नेपाल के कपिलवस्तु के नजदीक लुंबिनी नामक स्थान पर 563 इसा पूर्व में हुआ था उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनके पिता शुद्धोधन कपिलवस्तु के शाक्यों के राजा थे और जब उनके पिता ने उन्हें अपने राज्य का उत्तराधिकारी घोषित किया इसके पश्चात गौतम बुद्ध ने सांसारिक समस्यायों से व्यथित होकर 29 वर्ष की अवस्था में अपना गृह त्याग दिया। 

बुद्ध छः सालों तक जंगल में भटकते रहे और कठोर तपस्या की इसके पश्चात उनको वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधिवृक्ष के निचे ज्ञान की प्राप्ति हुई इस दिन वे ‘तथागत’ हो गए। भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति निरंजना नदी के किनारे बसे शहर बोधगया में पीपल के पेड़ (बोधिवृक्ष) के निचे हुई थी इसलिए बोधगया में आज भी वह पेड़ है जहां पर उन्होंने कठोर तपस्या कर आत्म ज्ञान और सत्य की प्राप्ति हुई थी।

गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। गौतम बुद्ध लगातार कई वर्षो तक ने पूरे देश और विदेशों में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया और अंततः इनकी मृत्यु (निर्वाण) 483 इसा पूर्व में कुशीनगर (वर्तमान उत्तर प्रदेश) में इनके शिष्य चुंद के यहाँ भोजन करने के तत्पश्चात हो गई। गौतम बुद्ध ने को पूरी दुनिया में शांति का सन्देश दिया। इसलिए इन्हे The Light of Asia के तौर पर जाना जाता है। 

बुद्ध पूर्णिमा क्या है? (Buddha Purnima in Hindi)

अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है तो चलिए जानते है भगवान गौतम बुध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और मृत्यु (जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा जाता है) पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। तभी से इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती के रूप में भी जाना जाता है। ये बुद्ध धर्म को मानने वालो के लिए सबसे पवित्र पर्व है। इस दिन देश और विदेश में भगवान बुद्ध के जन्म के उपलक्ष में बुध पूर्णिमा बड़े ही धूम धाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है। 

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व क्या है?

भगवान गौतम बुध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण उसकी तारीख वैशाख पूर्णिमा ही थी ऐसी दुर्लभ घटना बहुत ही कम महापुरुषों के साथ आज तक के इतिहास में घटित हुई है बुद्ध पूर्णिमा का बौद्ध धर्म को मानने लोगो के लिए विशेष महत्व है। बौद्धों धर्म के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे बड़ा पर्व होता है।

इसके साथ साथ हिन्दू धर्म के अनुसार तथागत बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते है। तो हिन्दुओं के लिए भी बुद्ध पूर्णिमा का अपने आप में एक विशेष महत्व है। हालाकिं साउथ इंडिया में बुद्ध को विष्णु का नौवा अवतार नहीं माना जाता है। 

बुद्ध पूर्णिमा कैसे मनाया जाता है?

बुद्ध पूर्णिमा के दिन भारत में सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहती है। जैसा की हमने ऊपर के लेख में ये जाना की बुद्ध पूर्णिमा जिसे बुद्ध जयंती के तौर पर भी जाना जाता है। ये बुद्ध धर्म के अनुवायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पुरे विश्व में स्थित बौद्ध मंदिरो में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 

बुद्ध पूर्णिमा का सबसे मुख्य उत्सव बोध गया में होता है। बोध गया भारत में बिहार राज्य के गया जिले के अंतर्गत एक छोटा सा शहर है। इस दिन बोध गया में पुरे विश्व से बुद्ध के अनुयायी या बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले लोगो का जुटान होता है। इस अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है जहाँ पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहते है।

लोग यहाँ पर आकर बुद्ध भगवान की विशेष पूजा अर्चना कर खुद को धन्य महसूस करते है। इस अवसर पर पुरे बोध गया को  शानदार तरीके से सजाया जाता है। सजाने में खासकर बौद्ध के रंग विरंगे झंडे का इस्तेमाल किया जाता है। आज के दिन बौद्ध लोग अपने घरों को पुरे तरीके से मोमबत्तियों से जगमग कर देते है। 

पूजा अर्चना के बाद बौद्ध लोग बुद्ध जयंती के विशेष अवसर पर रैलियों, झाकियों भी शहरों में निकालते है। और लोगो में प्रसाद वितरण करते है। बोधगया में तो बुद्ध जयंती धूमधाम से मनाई जाती ही है। इसके अलावा बौद्ध धर्म को मानने वाले देश जैसे की नेपाल, इंडोनेशिया, चीन, श्रीलंका, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, जापान में बुद्ध पूर्णिमा बहुत ही धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।

भगवान बुद्ध के दिए गए उपदेश क्या है?

बुद्ध ने अपने जीवन में कई तरह के उपदेश दिए है निम्नलिखित है। 

  • किसी भी परिस्तिथि में इन तीन चीजों को कभी नहीं छुपाया जा सकता है और वो हैं- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य। 
  • बुद्ध ने कहाँ है जी जीवन में हजारों लड़ाइयाँ जितने से अच्छा है खुद पर विजय प्राप्त करना है। अगर ये कर लिया तो जित हमेशा तुम्हारी होगी, ये तुमसे कोई नहीं छीन सकता। 
  • जीवन में कभी भी बुराई को बुराई से खत्म नहीं किया जा सकता है। घृणा को सिर्फ प्रेम द्वारा ही खत्म किया जा सकता है, यह एक अटूट सत्य है। 
  • तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध के द्वारा दंड पाओगे। 
  • जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक पहुंचने से ज्यादा जरुरी है उस यात्रा को अच्छे से संपन्न करना। 
  • क्रोधित होकर हजारों गलत शब्द बोलने से अच्छा है मौन का वह एक शब्द है जो जीवन में शांति, समृद्धि लाएं। 
  • हमेशा क्रोधित, गुस्से में रहना, ठीक उसी तरह है जैसे जलते हुए कोयले को किसी दूसरे व्यक्ति पर फेंकने की इच्छा से खुद पकड़ कर रखे रहना, ये सबसे पहले आपको ही जलाता है। 
  • जीवन में खुशियां बांटने से बढ़ती ही हैं कभी कम नहीं होती। इसलिए मनुष्य को चाहिए की अपने जीवन में हमेशा दूसरों की खुशीयों का ध्यान रखे। 
  • आप चाहें जीवन में चाहे जितनी भी अच्छी किताबें पढ़ लें, कितने भी अच्छे शब्द सुन लें, लेकिन जब तक आप उनको अपने जीवन में उतारेंगे नहीं तब तक उसका कोई फायदा नहीं। 
  • सत्य के रास्ते पर चलने वाला मनुष्य जीवन में सिर्फ दो ही गलतिया कर सकता है या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता या फिर शुरुवात ही नहीं करता।

बुद्ध पूर्णिमा किस महीने में मनाई जाती हैं?

बुद्ध पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के मुताबिक अप्रैल या मई महीने में मनाई जाती है वर्ष 2023 में बुध पूर्णिमा मई महीने के 5 तारीख को देश और विदेशों में धूम धाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाएगी। 

हिंदू धर्म के लोग भी बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाते हैं?

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान बुध भगवान विष्णु के 9 अवतार माने जाते हैं इसलिए हिंदू धर्म में भी भगवान बुध की पूजा बुद्ध पूर्णिमा के दिन विधि विधान के साथ की जाती है। 

बुद्ध पूर्णिमा विश्व में कहां-कहां मनाई जाती है?

हर वर्ष वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्धपूर्णिमा मनाई जाती है। बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों के लिए बुद्ध पूर्णिमा का बहुत विशेष महत्व है एक प्रकार उनके प्रमुख त्योहारों में से एक है। 

इस दिन दुनिया के सभी बौद्ध धर्म के लोग भगवान बुध की पूजा काफी जोर-शोर से करते आपके मन में सवाल आएगा कि बुद्ध पूर्णिमा विश्व में कहां-कहां मनाई जाती है तो मैं आपको बता दूं कि भारत के अलावा नेपाल, इंडोनेशिया, चीन, श्रीलंका, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम, जापान आदि विश्व के कई देशों में वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। 

बुद्ध पूर्णिमा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त:

इस वर्ष यानि की साल 2023 में वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा सोमवार 5 मई को है। बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त रविवार, 5 मई को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से लेकर सोमवार 6 मई को 9 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। 

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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